Fundamental of Object-Oriented Programming:-
हेलो दोस्तो, नमस्कार मेरा नाम है उमेश आज हम नया टॉपिक लेके आये हैं जिसमे में हम ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग यूजिंग जावा tutorial स्टार्ट कर रहे हैं ये सब्जेक्ट UPBTE बोर्ड के नए सिलेबस के अनुसार है
प्रोग्रामिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम प्रोग्रामिंग प्रोब्लेम्स को हल करने के लिए प्रोग्राम बनाते हैं . प्रोग्राम लिखने के दो तरीके होते हैं -
- Procedure oriented Programming(POP )
- Object Oriented Programming(OOP)
इन दोनों में समस्या का हल सोचने और कोडिंग करने के अलग अलग तरीके होते हैं
1.Procedure oriented programming:-
पॉप में किसी प्रोग्रामिंग प्रॉब्लम के हल को क्रमबद्ध कार्य करने जैसे रीडिंग प्रोसेसिंग और राइटिंग के रूप में देखा जाता है और इन कार्यों को पूरा करने के लिए बहुत सारे फंक्शन लिखे जाते हैं पॉप की बड़ी कमी यह है कि यह समस्या से संबंधित एंटिटी का मॉडल तैयार नहीं कर पाता है पॉप की दूसरी गंभीर समस्या यह है कि इसमें कई सारे डेटा को ग्लोबल डिक्लेअर किया जाता है ताकि इन्हें प्रोग्राम के सभी फंक्शन के द्वारा प्रयोग किया जा सके | इससे हमारा डेटा असुरक्षित हो जाता है क्योकि इसे किसी भी फंक्शन के द्वारा अनावश्यक रूप से परिवर्तित किया जा सकता है |
2.Object Oriented Programming(OOP):-
OOP (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग ) में प्रॉब्लम को हल करने के लिए पहले हम प्रॉब्लम से सम्बंधित एंटिटीज का मॉडल तैयार करते है जिन्हें हम ऑब्जेक्ट कहते हैं | वास्तव में ऑब्जेक्ट सम्बंधित डेटा व फंक्शन के समूह होते हैं इन्हें ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड सिस्टम में बेसिक रन टाइम एंटिटीज भी कहतें हैं |
ये समस्या के वास्तिविक दुनिया के एंटिटीज जेसे स्टूडेंट, कस्टमर, प्रोडक्ट्स को रिप्रेजेंट करते है जिन्हें प्रोग्राम को हैंडल करना होता है | रियल वर्ल्ड में प्रत्येक एंटिटी के कुछ न कुछ डेटा व फंक्शन होते है उदाहरण के लिए यदि एंटिटी कोई स्टूडेंट है तो नाम , MARKS percent आदि इसके डेटा हो सकते हैं तथा getdata(), putdata() आदि इसके फंक्शन हो सकते हैं एक ऑब्जेक्ट के अंतर्गत आने वाले डेटा को केवल उसी ऑब्जेक्ट के फंक्शन के द्वारा ही एक्सेस किया जा सकता है | किन्तु एक ऑब्जेक्ट के अंतर्गत आने वाले फंक्शन को दूसरे ऑब्जेक्ट के फंक्शन के द्वारा भी एक्सेस किया जा सकता है |
इस प्रकार ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोगामिंग में डेटा बहरी ऑब्जेक्ट से छिपा हुआ व सुरक्षित रहता है
हम इसे निम्न चित्रानुसार समझ सकते हैं |
Procedure Oriented Programming (POP) vs Object Oriented Programming(POP)
Procedure Oriented Programming (POP) और Object Oriented Programming (OOP) में निम्नलिखित अंतर होता है -
POP
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OOP
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- POP में प्रोग्राम को छोटे छोटे भागो में जिन्हें फंक्शन कहते है , में विभाजित किया जाता है
- POP जो है वह टॉप डाउन एप्रोच का प्रयोग करता है
- POP में डेटा हिदिंग नहीं है अर्थात हम इसमें डेटा को ठीक ढंग से छुपा नहीं पाते हैं इसलिए यह कम सुरक्षित है |
- POP में एक्सेस specifier नहीं होते है
- POP में अगर हमें नया डेटा या फंक्शन डालना है तो हमें प्रोग्राम को revise करना पडता है
- POP में बड़े अकार के प्रोग्रामो को हैंडल करना थोडा मुश्किल होता है
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- OOP में प्रोग्राम को ऑब्जेक्ट में विभाजित किया जाता है |
- OOP जो है वह बॉटम अप एप्रोच का प्रयोग करता है |
- OOP में डेटा hidding है अर्थात हम इसमें डेटा को आसानी से छुपा सकते है इसलिए यह ज्यादा सुरक्षित है |
- OOP में एक्सेस specifier जैसे - public , private आदि होता है|
- OOP में प्रोग्राम को बिना revise किये डेटा तथा फंक्शन डाल सकते है |
- OOP में आसानी से बड़े प्रोग्रामों को हैंडल कर सकते हैं |
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